HADOTI HULCHAL NEWS

HADOTI HULCHAL NEWS

जैन संत ब्रह्मानन्द सागर महाराज का पंचम पुण्य समाधि दिवस पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम हुए आयोजित

hadoti hulchal news
फाइल फोटो
हाडौती डिजिटल न्यूज़ नेटवर्क

पिड़ावा। जैन समाज के अलौकिक सन्त समाधि सम्राट ब्रम्हानंद सागर महाराज की गुरुवार को पंचम पुण्य समाधि दिवस के अवसर पर जैन समाज के भक्तों द्वारा उन्हें याद किया गया। समाज प्रवक्ता मुकेश जैन चेलावत ने बताया कि मुनि महाराज का जन्म 21 नवंबर 1929 को हारूगेरी जिला बेलगांव कर्नाटक में हुआ था। इन्होंने अपने आत्म कल्याण के लिए घर परिवार छोड़कर 1970 में संन्यास धारण कर लिया और 22 जून 1971 को इन्होंने गुरूवर 108 महाबल सागर महाराज से क्षुल्लक दीक्षा ली व 6 फरवरी 1989 को मुनि सरल सागर महाराज से बाड़ी बरेली जिला सागर मध्य प्रदेश में इन्होंने मुनि दीक्षा धारण की और अपना आत्म कल्याण करते हुए महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित कई राज्यों में घूमते हुए, उन्होंने अपने जीवन काल में 46 चातुर्मास किये। जिनमें तीन चातुर्मास सुसनेर मध्य प्रदेश और आठ चातुर्मास पिड़ावा राजस्थान में किये और 25 वर्ष तक राजस्थान और मध्य प्रदेश प्रान्त में ज्ञान की गंगा बहाते हुए समाज को सुधारने तथा कुरीतियों को दूर करने का मार्ग बताया। उन्होंने अपनी आत्मा का कल्याण और मानव मात्र का कल्याण करते हुए 20 अप्रैल 2018 को नयापुरा के लाल मन्दिर पिड़ावा में शांत भाव से संयम धारण करते हुवे उत्कृष्ट समाधि प्राप्त की। इस पावन अवसर पर आचार्य सुव्रत सागर महाराज के सानिध्य में बड़े मंदिर व नवीन जिनालय जुना मन्दिर खंडपुरा में कई धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

hadoti hulchal news

वही जैन समाज के युवा साथियों द्वारा पिड़ावा हॉस्पिटल में जाकर फल वितरित किए गए। रात्रि में समाधि स्थल ब्रम्हानन्द सागर नसिया सुरजकुण्ड़ नयापुरा पिड़ावा में भक्त गण द्वारा भक्तामर भजन संध्या का कार्यक्रम कर उन्हें याद किया गया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ