HADOTI HULCHAL NEWS

HADOTI HULCHAL NEWS

दिगंबर जैन समाज के परवा धीराज पर्युषण पर्व का समापन हुआ, रविवार को मनाया जाएगा क्षमावाणी महा पर्व

पनी आत्मा में रमण करना ही उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म है

hadoti hulchal
पिड़ावा। नगर में सकल दिगंबर जैन समाज के दशलक्षण धर्म पर्युषण पर्व के अन्तिम दिन शुक्रवार को उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म का पर्व बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ सभी मंदिरों में मनाया गया। समाज प्रवक्ता मुकेश जैन चेलावत ने बताया कि प्रातः काल संगीतमय अभिषेक, शांतिधारा व नित्य नियम की पूजन 10 लक्षण धर्म की पूजन की गई। मुनि सागर महाराज द्वारा इष्टोपदेश ग्रंथ की कक्षा ली व जुना मन्दिर नवीन जिनालय में भूत वाली सागर महाराज के प्रवचन हुवे। जिसमें उन्होंने बताया कि सभी साधना में ब्रह्मचर्य का सबसे प्रमुख स्थान है। उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। 

hadoti hulchal
आत्मा की उपलब्धि के लिए किया जाने वाला आचरण ही ब्रह्मचर्य है। उसके बाद सभी मंदिरों में दिनभर 24 तीर्थंकरों भगवान की पूजन की गई। दोपहर 3 बजे श्री सांवलिया पारसनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर से भगवान की शोभायात्रा निकाली गई। जो कि पीपली चौक, शेर मोहल्ला, खंडूपुरा, नयापुरा, मेला मैदान से श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर पहुंची। जहां पर मुनि सागर महाराज के मंगलमय उपदेश हुवे उसके बाद भगवान का अभिषेक हुआ। 

hadoti hulchal
रात्रि में मन्जुला दीदी के निर्देशानुसार स्वारथ का संसार नाटिका का मंचन किया गया। जिसमें मुकेश जैन, सरोज जैन, प्रासुक जैन, अक्षुजैन, चंचु जैन ,सौरभ जैन व बबी जैन ने भाग लिया। महाराज ने बताया कि संयम और आत्मा शुद्धि के महापर्व के बाद रविवार को क्षमावाणी महा पर्व मनाया जाएगा। क्षमावाणी पर्व पर समाज बंधु एक दूसरे से क्षमा याचना करेंगे अर्थात पूरे वर्ष में मन, वचन,काय  से हम से जो भी भूल हुई हो उसके लिए हम क्षमा प्रार्थी हैं पर्युषण पर्व का महत्व ही क्षमा याचना है।
hadoti hulchal

hadoti hulchal

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ