HADOTI HULCHAL NEWS

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वैराग्य की अनुभूति के बिना मुनि पद प्राप्त नहीं हो सकता- मुनि भुतबली सागर महाराज

hadoti hulchal

पिड़ावा। जैन धर्म में सबसे उत्तम पर्वों का राजा कहे जाने वाले  पर्यूषण महापर्व का आगाज बुधवार से हो गया है। इस दौरान दिगंबर जैन समाज के श्रावक श्राविकाये व बच्चों की दिनचर्या भी परिवर्तित हो गई। सुबह 6 बजे से अभिषेक, शांतिधारा व संगीतमय पूजन हो रही है मंदिरों में सुबह से ही दर्शन करने वालों की भीड़ लग रही है व श्रद्धालु धर्म लाभ ले रहे हैं। जैन समाज प्रवक्ता मुकेश जैन चेलावत ने बताया कि पिड़ावा कि श्री सांवलिया पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर, जूना मंदिर नवीन जिनालय, स्वाध्याय भवन, नया मंदिर, लाल मंदिर ,चेत्यालय, कोटड़ी जिनालय, श्री भक्तामर विश्वधाम ड़ोला में प्रतिदिन अभिषेक, संगीतमय पूजन के साथ श्रावक श्राविका पुण्य लाभ ले रहे हैं। 

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पिड़ावा नगर में 43वा चतुर्मास कर रहे श्री भूतबलि सागर महाराज ससंध का बड़े मंदिर और नवीन जिनालय जूना मंदिर में भक्ति भाव के साथ पुण्य लाभ भी मिल रहा है। बड़े मंदिर में मुनि सागर महाराज जी ने व भूतबलि सागर महाराज द्वारा छहड़ाला की प्रतिदिन प्रातः 7 बजे कक्षा चल रही है। जिसमें पंचम ढाल के बारे में उन्होंने बताया की वैराग्य की अनुभूति के बिना मुनि पद प्राप्त नहीं हो सकता और वैराग्य उत्पन्न करने वाली माता है अनुप्रेक्षा, इसलिए संसार, शरीर और भोगों से विरक्त भव्य जनों को बारह भावना का चिंतन अवश्य करना चाहिए। उन्होंने उत्तम शोच धर्म के बारे में बताया की पवित्रता आचरण में नम्रता, विचारों में निर्मलता लाना ही उत्तम शोच धर्म है बाहर की पवित्रता का ध्यान तो हर कोई रखता है, लेकिन यहां आंतरिक पवित्रता की बात है आंतरिक पवित्रता तभी घटित होती है जब मनुष्य लोभ से मुक्त होता है  दोपहर में प्रतिदिन तत्वर्थ सूत्रकी पूजन व रात्री मेंआरती, भक्ति प्रवचन व सांस्कृतिक कार्यक्रम चल रहे हैं। रात्रि में ब्रह्मानंदसागर पाठशाला के बच्चों द्वारा फैंसी ड्रेस का कार्यक्रम अध्यापिका रानी जैन व सोनू जैन द्वारा करवाया गया कार्यक्रम का संचालन मुकेश जैन चेलावत ने  किया।

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