HADOTI HULCHAL NEWS

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बुधवार से शुरू होंगे दिगंबर जैन समाज के सबसे उत्तम और पर्वो के राजा पयुर्षण पर्व

hadoti hulchal
पिड़ावा। जैन धर्म में सबसे उत्तम पर्व और पर्वों का राजा कहे जाने वाले पयुर्षण महापर्व का आगाज बुधवार से होगा। इस दौरान दिगंबर जैन समाज के लोगों की दिनचर्या भी परिवर्तित हो जाएगी। सुबह 6 बजे से मंदिरों में अभिषेक शुरू होंगे। उसके बाद पूजा, 10 लक्षण पर्व की पूजा होने के बाद शाम को आरती, स्वाध्याय ,सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। पर्युषण पर्व में 108 भूतबलि सागर जी महाराज ससंघ का सानिध्य रहेगा।

आत्म शोधन का पर्व है पयुर्षण पर्व 
जैन समाज के प्रवक्ता मुकेश जैन चेलावत ने बताया कि पयुर्षण पर्व को आत्मशोधन का पर्व भी कहा जाता है। इसमें तप कर कर्मों की निर्जरा कर अपनी काया को निर्मल बनाया जा सकता है। पयुर्षण पर्व को आध्यात्मिक दीपावली की संज्ञा भी दी गई है। जिस तरह दिवाली पर व्यापारी अपने सम्पूर्ण वर्ष का आय-व्यय का पूरा हिसाब करते है। गृहस्थ एक अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं। ठीक उसी प्रकार पयुर्षण पर्व के आने पर जैन धर्म को मानने वाले लोग अपने वर्ष भर के पुण्य पाप का पूरा हिसाब करते हैं वे अपनी आत्मा पर लगे कर्म रूपी मेल की साफ -सफाई इस दौरान करते हैं।
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आत्म जागरण का देता है संदेश
पर्यूषण पर्व आत्म जागरण का संदेश देता है। हमारी सोई आत्मा को जगाता है। यह आत्मा के द्वारा आत्मा को पहचानने की शक्ति देता है। इस दौरान व्यक्ति की संपूर्ण शक्तियां जग जाती है। यह पर्व संपूर्ण जैन समाज बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ भक्ति भाव पूर्वक मनाया जाता है। इसमें सभी श्रावक श्राविकाओं द्वारा व्रत उपवास और संयम से रहते हैं। यह पर्व 31 अगस्त से 9 सितंबर तक दिगंबर जैन समाज द्वारा मनाया जायेगा। इसमें इन 10 दिनों में धार्मिक कार्यक्रम चलेंगे। अंत में दिगंबर जैन समाज का क्षमा याचना पर्व 9 सितंबर को उत्तम क्षमा के रूप में मनाया जाएगा।
यह होंगे कार्यक्रम
श्री सांवलिया पारसनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र बड़ा मंदिर में प्रतः 6.30 बजे अभिषेक, शांतिधारा  7 बजे से 8 बजे तक मुनि सागर महाराज जी द्वारा छहढ़ाला की कक्षा, 8 बजे से नित्य पूजन, 9 बजे भूतबलि सागर जी के मंगलमय प्रवचन जुना मन्दिर नवीन जिनालय में,10 बजे आहार चर्या, दोपहर 3 बजे तत्वार्थ सूत्र की कक्षा व मुनि सागर जी द्वारा स्वाध्याय ,शाम को 6.30 बजे गुरूभक्ति आरती, जिनेन्द्र भगवान की भक्ति, शास्त्र प्रवचन, रात्रि मे 9 बजे सास्कृतिक कार्यक्रम होंगे। सभी कार्यक्रम बाल ब्रह्मचारी मंजुला दीदी के सानिध्य में संपन्न होंगे।

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