पिड़ावा। सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वाधान में आचार्य गुरुवर 108 श्री विद्यासागर जी महाराज के परम शिष्य 108 मुनि श्री भूतबली सागर महाराज, मुनि सागर महाराज, मोन सागर महाराज, मुक्ति सागर महाराज का भव्य चातुर्मास पिड़ावा में होने जा रहा है। जैन समाज प्रवक्ता मुकेश जैन चेलावत ने बताया की भारतीय संस्कृति और संस्कार में जितने भी पर्व आते हैं उन सभी में चातुर्मास का पर्व महापर्व है।अध्यात्म का पर्व, आत्म उत्थान का पर्व, अपने आप को समझने का पर्व, दया, अहिंसा व करुणा- प्रेम का महापर्व है। धर्म का अर्थ भी यही होता है इसमें त्याग, संयम, तप और ध्यान किया जाता है। इस महापर्व में दशहरा, रक्षाबंधन, दीपावली, नाग पंचमी, गुरु पूर्णिमा आदि पर्व आते हैं। चातुर्मास का उद्देश्य भी दया भाव से है। वर्षा काल में जीवो की उत्पत्ति अधिक होती है। हिंसा होने की आशंका रहती है। संत चातुर्मास इसलिए करते हैं कि हिंसा ना हो। दूसरा ग्रहस्थ पर दया करते हैं ताकि हमारे अंदर मानवता की भावना जागृत हो जाए। ग्रहस्थ और संत को जोड़ने का काम करता है। चातुर्मास के पावन अवसर पर महाराज जी का विहार सुसनेर से 9 जुलाई शाम को होगा ओर 11 जुलाई सोमवार को प्रातः7 बजे पिड़ावा नगर में मंगल प्रवेश करेगें। चातुर्मास समिति के अध्यक्ष सुरेश कुमार जैन (गुरू) ने बताया कि 14 जुलाई को मंगल कलश की स्थापना करेगें ।
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