पिडावा। सकल दिगंबर जैन समाज को सोमवार को जैन संत मुनि भूतबलि सागर महाराज ससंघ का मंगलमय चातुर्मास का अवसर मिला। समाज प्रवक्ता मुकेश जैन चेलावत ने बताया की भूतबलि बली सागर महाराज, मुनि सागर महाराज, मोनसागर महाराज, मुक्ति सागर महाराज का मंगलमय प्रवेश सोमवार को बोलियाबारी से चलकर प्रातः 7:30 पर बाल्दा चौराहे पर आगमन हुआ। आगमन के दौरान जिनवाणी ग्रुप की महिलाओं ने बाल्दा चौराहा पर रंगोली बनाकर गरबा नृत्य करते हुए महाराज जी की अगवानी की। इसके बाद बैंड बाजो से जुलूस शुरू हुआ को लाल जैन मंदिर नयापुरा के दर्शन करते हुए नाचते गाते श्रावक सफेद वस्त्र में श्राविकाये केसरिया साड़ी में चल रहे थे। घर घर पर महाराज की पागपक्षालन की गई। जुलूस खंडपुरा मंदिर पहुचा। जहां पर महाराज ससंघ ने सब को मंगलमय आशीर्वाद दिया। महाराज जी ने अपने उपदेश में कहा कि जैन धर्म में चातुर्मास का बड़ा ही महत्व है संत अपनी यात्रा रोक देते हैं और मंदिर, आश्रम या संत निवास पर ही रहकर यम और नियम का पालन करते हैं। जैन धर्म के अनुसार यह चार महाव्रत, साधना और तप के रहते हैं। संतो द्वारा मनुष्यो को सन्मार्ग दिखाया जाता है, उन्होंने बताया की 4 माह में क्रोध नहीं करते और संयम का पालन करते हैं। चतुर्मास में ही जैन धर्म का सबसे प्रमुख पर्व पर्यूषण पर्व मनाया जाता है। इस पयुर्षण पर्व में और चार महीनो में तो रात्रि भोजन का त्याग, ब्रह्मचर्य, स्वाध्याय, जप, तप, मांगलिक प्रवचनो का लाभ तथा साधु संतों की सेवा में संलिप्त रह कर जीवन सफल बना सकते हैं। चातुर्मास समिति के अध्यक्ष सुरेश जैन गुरु ने बताया कि भव्य मंगलमय चातुर्मास की स्थापना का कार्यक्रम 14 जुलाई को किया जाएगा।
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