झालावाड़। जैन मुनि 108 सौभाग्य सागर महाराज का झालरापाटन में प्रवेश हुआ 108 श्री सिद्धांत सागर महाराज के शिष्य सौभाग्य सागर महाराज झालरापाटन नगरी में पहुंचे। जहां भवानीमंडी चौराहे पर जैन बंधुओं द्वारा मुनि का भव्य स्वागत किया। वही बैंड बाजों के साथ मुनि को नगर के मुख्य मार्गो से भ्रमण करवाते हुए लेकर आए। इसी दौरान समाज बंधुओं ने जगह जगह मुनि श्री का प्राद प्रक्षालन किया । शहर के प्रमुख मार्गो से शोभायात्रा निकलने के बाद नगर के शांतिनाथ मंदिर में पहुंचे। जहां श्री 108 सौभाग्य सागर महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि अपने माता पिता की सेवा करने वाले व्यक्ति जिंदगी में कभी भी दुखी नहीं होता है जिंदगी में किसी भी वस्तु का मिलना अत्यंत सरल परंतु उससे सहेजना उतना ही जटिल है। माही सौभाग्य सागर महाराज ने बताया कि णमोकार का उपासक कभी गलत मार्ग पर नहीं जा सकता। सौभाग्य सागर महाराज दिल्ली से कचनेर और कहीं जगह पर होते हुए झालरापाटन नगर मे पहुंचे वहा शांतिनाथ जी के दर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि दर्शन कर मन प्रफुल्लित हो गया।
0 टिप्पणियाँ