झालावाड। जिला कारागृह में आजादी का अमृत महोत्सव" के तहत घर-घर तिरंगा कार्यक्रम हुआ। केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य जी. आर. मीणा बंदियों को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को लेकर बताया कि तिरंगे में केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतीक, सफेद रंगशान्ति एवं सच्चाई का प्रतीक एवं हरा रंग हरियाली एवं सम्पन्नता का प्रतीक होता हैं। 30 देशो के राष्ट्रीय ध्वज के गहन अध्ययन बाद जिस व्यक्ति ने भारत की शान तिरंगे का निमार्ण किया उसका नाम पिंगली वेंकैया हैं। उन्होने राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण 1921 में किया था। 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा में राष्ट्रीय ध्वज को सर्वसम्मति से अपना लिया और ध्वज में चरखे की जगह अशोक चक का इस्तेमाल किया गया। अशोक चक्र को कर्त्तव्य का पहिया कहा जाता हैं। इस दौरान अधीक्षक जिला कारागृह वैभव भारद्वाज ने बंदियों को राष्ट्रध्वज के नियमों के संबंध में जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान वैभव भारद्वाज जेल अधीक्षक, डॉ.पवन मेहरा चिकित्साधिकारी, मोहनलाल मीणा कारापाल, रूपसिंह हाडा उप कारापाल, ओमप्रकाश महामुख्य प्रहरी, लक्ष्मीनारायण ताखर मुख्य प्रहरी एवं समस्त स्टॉफ उपस्थित रहा।
भारत माता को पुनः अखण्ड बनाने का संकल्प लिया
हिन्दू जागरण मंच झालावाङ नगर की ओर से वार्षिक कार्यक्रम "अखण्ड भारत संकल्प दिवस" को इस बार झालावाङ में विचार गोष्ठी एवं भारत माता पूजन करके अनंग कुमार जैन स्मृति भवन में मनाया। मुख्य वक्ता श्री बाबा निरंजन नाथ "अवधूत" (गोरक्ष धाम आश्रम ) थे। अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर संघ चालक श्यामलाल खत्री ने की। एवं विशिष्ट अतिथि प्रान्त मंत्री देवेन्द्र सिंह राठौङ रहें।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता बाबा निरंजन नाथ ने कहा की अखण्ड भारत हमारा स्वप्न नही अपितु संकल्प है। जिसे पूरा करने के लिए हिन्दू जागरण आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन जिलाध्यक्ष रमेश पाटीदार ने किया।
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