झालावाड़ के बाढ प्रभावित क्षेत्र में एन्टी लार्वल गतिविधियों का वेरिफेकशन, हर नागरिक रखे घर व स्वास्थ्य का विशेष ध्यान - डॉ. सैय्यद
झालावाड़। प्रभारी मंत्री के झालावाड़ दौरे के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जी.एम. सैय्यद को जिले में मौसमी बीमारीयों की रोकथाम हेतु घर-घर सर्वे का सुपरविजन एवं मोनिटरिंग करने हेतु निर्देशित किया गया था। जिसकी अनुपालना में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जी.एम. सैय्यद के साथ उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. लेखराज मालव, उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (प.क.) डॉ. आरएस मेहर, डॉ. विनोद पाटीदार, जिला ऐपिडेमियोलोजिस्ट ब्रिजेश गुप्ता, जिला समन्वयक पीसीपीएनडीटी प्रभु ऐरवाल, जिला समन्वयक आईईसी धनवन्तरी प्रजापति, कन्ट्रोल रुम प्रभारी तेज सिंह एवं शहरी पीएचसी खण्डिया की टीम द्वारा बाढ प्रभावित क्षेत्र खझिया कॉलोनी, आरटीओ ऑफिस के पीछे का क्षेत्र, धाकड/राठौर/लोधा छात्रावास के क्षेत्र एवं बड के बालाजी के क्षेत्रों में जाकर घर-घर सर्वे कार्य के साथ डेंगू रोधी अभियान के अन्तर्गत एन्टी लार्वल गतिविधियों का क्रोस वेरिफिकेशन किया गया। उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (स्वास्थ्य) डॉ. लेखराज मालव ने बताया कि डेंगू के मच्छर साफ व खुले पानी में पैदा होते है लार्वा से लेकर मच्छर बननने की प्रक्रिया में सात दिन का समय चक्र होता है इस लिये घर में साफ पानी के भरे हुये कन्टेनर जैसे पानी की टंकी, कुलर, गमले, फ्रिज की ट्रे, छत पर पडे हुये कबाड इत्यिादि को हर सात दिन में खाली करते हुये सुखाकर वापस प्रयोग में लेवे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जी.एम. सैय्यद ने बाढ प्रभावित क्षेत्र के आमजनों से अपील की वे जल जनित बीमारियों से बचाव हेतु अपने घरों व कार्य स्थलों की सफाई रखे। समय-समय पर अपने घरों के कुलर का पानी नियमित रुप से बदले व सफाई करते रहे, परिंडें, गमले, कबाड व घरो के आस-पास बरसाती पानी इकठ्ठा न होने दे। परिवार का काई भी सदस्य बीमारी से ग्रसीत है या लक्षण है तो वे तुरन्त अपने नजदीकि चिकित्सा केन्द्र पर चिकित्सक से परामर्श लेते हुये आमुल उपचार लेवे।
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