HADOTI HULCHAL NEWS

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दया, अहिंसा और धर्म नहीं तो जीवन बेकार- मुनि भुतबलि व मुनि सागर

hadoti hulchal
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पिड़ावा। नगर में सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वाधान में आचार्य 108 विद्यासागर महाराज के शिष्य मुनि श्री भूतबलि सागर महाराज , मुनि सागर महाराज, मोन सागर महाराज, मुक्ति सागर महाराज का 43वां चातुर्मास श्री सांवरिया पारसनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में चल रहा है। जैन समाज प्रवक्ता मुकेश जैन चेलावत ने बताया की महाराज श्री के सानिध्य में पिड़ावा नगर में धर्म की गंगा बह रही है। इस अवसर पर श्रावक, श्राविकायें, बच्चे चातुर्मास का भक्ति भाव पूर्वक आत्म साधना कर रहे हैं। प्रतिदिन प्रातः काल की भक्ति, पूजन उसके बाद महाराज जी के प्रवचन नवीन जुना मन्दिर खंडपुरा में आहार चर्या, सामायिक, दोपहर 3 बजे स्वाध्याय, तत्व चर्चा बड़े मंदिर में शाम को गुरु भक्ति, रात्रि में वैयावृत्ति आदि धार्मिक कार्यक्रम प्रतिदिन चल रहे हैं। चतुर्मास कमेटी की ओर से बाहर से पधारने वाले अतिथियो की व्यवस्था भी शानदार कर रखी है। बुधवार को नवीन जूना मंदिर में प्रवचन करते हुवे बताया कि राग-द्वेष, झूठ और पाप से दूर रहने वाले ही सही मायने में सच्चे श्रावक बन पाते हैं। जीवन में आगे जाना है तो मन में जीव दया के प्रति अच्छे भाव रखने चाहिए जीवन को सुगम बनाने के लिए जिनवाणी का परम आधार होना चाहिए। इससे मनुष्य आत्म तप को समझ कर आत्मा से परमात्मा बनने की ओर बढ़ता है। ऐसा मौका मिलने पर मनुष्य को कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए। अभिषेक, पूजन, प्रवचन, शास्त्र वाचन, संयम और जप-तप के कार्यक्रमों में लोगों को बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने का प्रयास करें। गुरु का सानिध्य मिलने पर खुद को धर्म के कार्यो से जोड़ना चाहिए महाराज जी ने कहा की दया, अहिंसा और धर्म नहीं है तो सब बेकार है मनुष्य का मन अभी भी सोया हुआ है उसे जगा कर धर्म के कार्यों में लगाने की जरूरत है। अहिंसा का  मार्ग ही मनुष्य को दीपक का ज्ञान देता है। मनुष्य को ऐसे मार्गो का अनुसरण कर जीवन में प्रकाश करना चाहिए मनुष्य के मन में जगत के सभी जीवो के कल्याण का भाव हो क्योंकि दया के प्रकाश से ही मनुष्य को सच्चे गुरु का सानिध्य मिल पाता है।  इस अवसर पर चातुर्मास समिति के अध्यक्ष सुरेश जैन गुरू व कोषाध्यक्ष अशोक जैन अध्यापक आदि कमेटी के पदाधिकारी व समाज जन उपस्थित रहे।

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