HADOTI HULCHAL NEWS

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भव्य शोभायात्रा निकाली, जैन धर्म में श्रुतपंचमी का पर्व मनाया

झालावाड़। जिले के पिड़ावा नगर में सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वाधान में चतुर्थ काल के सन्त108 भूतबलि सागर महाराज ससंघ के पावन सानिध्य व मन्जुला दीदी, पण्डित मुकेश जैन सुसनेर के कूशल नेतृत्व में श्रुतपंचमी का पर्व श्रावक ,श्राविकाओं द्वारा आनंद और उल्लास के साथ मनाया गया। समाज प्रवक्ता मुकेश जैन चेलावत ने बताया की पारसनाथ दिगम्बर जैन जुना मन्दिर नवीन जिनालय खंडपुरा में प्रातः काल अभिषेक, शान्तिधारा, नित्य नियम पूजन व श्रुत स्कन्ध मण्डल विधान का संगीतमय आयोजन किया गया। उसके बाद महाराज भूतबली सागर की पाद प्रक्षालन का पूण्य जीवन्धर कासलीवाल व शास्त्र भेट करने का पूण्य कोमल चंद जैन खंडपुरा ने प्राप्त किया। उसके बाद मुनि सागर व भूतबलि सागर महाराज ने प्रवचन में बताया कि दिगंबर जैन परंपरा के अनुसार प्रतिवर्ष जेष्ठ शुक्ल पंचमी तिथि को श्रुत पंचमी पर्व मनाया जाता है। इस दिन जैन आचार्य धरसेन के शिष्य आचार्य पुष्पदंत एवं आचार्य भूतबलि ने षट खंडागम शास्त्र की रचना की थी। उसके बाद से ही भारत में श्रुतपंचमी का तत्कालिक पर्व के रूप में मनाया जाने लगा, उन्होंने बताया कि श्रुतपंचमी पर्व ज्ञान की आराधना का महान पर्व है जो जैन बंधुओं को वितरागी संतों की वाणी सुनने, आराधना करने और प्रभावना बांटने का संदेश देता है। इस दिन मां जिनवाणी की पूजा अर्चना करते हैं। श्रुत पंचमी के पवित्र दिन मन्दिरो और अपने घरों में रखे हुए पुराने ग्रन्थों की साफ- सफाई कर, धर्म शास्त्रों का जीर्णोद्वार करना चाहिए। उनमें जिल्द लगानी चाहिए, शास्त्रों और ग्रन्थों के भंडार की साफ सफाई करके उनकी पूजा करना चाहिए। उसके बाद नवीन जिनालय मानस्तम्भ में चार प्रतिमाओं को विराजमान किया गया और शिखर पर छत्र, कलश चढाये गये व जिनवाणी की नवीन वेदी पर प्राचीन आचार्यो द्वारा लिखित 16 शास्त्रों को विराजमान किया गया।
बेंड बाजो के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली 

श्रुतपंचमी का पर्व के अवसर पर पंच बालयति जिनालय खंडपुरा से भव्य जिनवाणी शोभायात्रा बैंड बाजो के साथ निकाली गई। शोभायात्रा से पूर्व प्रातः7 बजे से 8 बजे तक जिनेन्द्र पूजन हुई। जिसके बाद 8 बजे से 8:30 तक प्रवचन हुए। जिसके पश्चात सकल दिगंबर जैन समाज के तत्वाधान में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें श्रावक सफेद वस्त्र व श्राविकाये केसरिया साड़ी में भक्ति करते हुवे शास्त्र को सिर पर रखकर चल रहे थे। शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुवे पारसनाथ पंचबालयति जिनालय पहुंची। शोभायात्रा के समापन के बाद पंचबालयती जिनालय के शिखर का ध्वजारोहण जहां पर प्रभावना वितरण की गई व दोपहर में सभी महिला मण्डल सिद्वा गुर्प, जिनवाणी गुर्प आदि मण्डलो के माध्यम से नगर के सभी मन्दिरो में जिनवाणी की साफ सफाई की गई। 

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